Hathras Stampede: भोले बाबा का क्या है ग्वालियर कनेक्शन? हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

MP News: बाबा की कुछ अनुयाई भी मिले जो अपने पास 24 घंटे बाबा की मूर्ति लेकर चलते हैं और उन्हें ईश्वर मानते हैं ऐसी ही एक बुजुर्ग महिला कहा कि के बाबा ईश्वर का रूप है और मैं 7 वर्ष की थी तब से पूजा कर रही हूं.
Bhole Baba's Gwalior connection has come to light.

भोले बाबा का ग्वालियर कनेक्शन सामने आया है.

MP News: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार के सत्संग में सत्संग के बाद मची भगदड़ (Hathras Stampede) में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दर्दनाक घटना के बाद बाबा का कनेक्शन ग्वालियर में भी मिला है. ग्वालियर के तिगरा रोड पर झंडा का पूरा गांव में हरी विहार में बाबा का आलीशान आश्रम है जहां पर अक्सर बाबा यहां आकर सत्संग किया करता था जिसमें हजारों की संख्या में उसके अनुयाई शामिल होते थे, जहां आश्रम की पड़ताल की तो मौके पर स्थानीय लोगों से बातचीत की जिसमें कई खुलासे सामने आए.

बाबा के नाम पर बसी कालोनी नाम

ग्वालियर शहर से 20 किलोमीटर दूरी पर हरि विहार कॉलोनी मौजूद है स्थानीय लोगो ने बताया है इस कॉलोनी का नाम बाबा के नाम पर ही रखा गया है. इस कॉलोनी का पहले कुछ और नाम हुआ करता था. स्थानीय लोगों ने बातचीत के दौरान कई बड़े खुलाई किया लोगों ने बताया है कि यहां पर अक्सर बाबा आता रहता है और सत्संग करता रहता है जिसमें दूर-दूर से लोग हजारों की संख्या में इकट्ठे होते हैं और सबसे ज्यादा बाबा के सत्संग में महिलाएं शामिल होती है. लोगों ने बताया है कि बाबा के साथ 25 से 30 की संख्या में सिक्योरिटी रहती थी जो बाबा के पास किसी को नहीं जाने देती थी. इसके साथ ही बाबा की चारों तरफ महिलाओं का झुंड रहता था.

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24 घंटे बाबा की मूर्ति लेकर चलते भक्त

वहीं इस दौरान बाबा की कुछ अनुयाई भी मिले जो अपने पास 24 घंटे बाबा की मूर्ति लेकर चलते हैं और उन्हें ईश्वर मानते हैं ऐसी ही एक बुजुर्ग महिला कहा कि के बाबा ईश्वर का रूप है और मैं 7 वर्ष की थी तब से पूजा कर रही हूं. इसके साथ ही जहां बाबा का आश्रम है वहां उनके घर है वह घरों पर बाबा की तस्वीर लगाए हुए है. बाबा के अनुयाई उनकी भक्ति में इतने पागल है कि उन्होंने ईश्वर का नाम लेना ही छोड़ दिया है उन्होंने कहा कि यही हम सबके लिए भगवान है और इनके अलावा हम किसी की पूजा नहीं करते हैं बाबा का विराट रूप है बाबा कुछ भी कर सकते हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया है कि बाबा अक्सर यहां पर आया हुआ करता है और अभी 4 महीने पहले ही बाबा यहां से गया है. स्थानीय लोगों ने कहा की बाबा के सत्संग में सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल होती थी. उन्होंने खुलासे करते हुए कहा कि बाबा के सत्संग में बुरे काम भी होते थे और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ भी होती थी.

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