MP News: मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कांग्रेस कार्यालय पर स्वागत कर मुश्किल में जिला अध्यक्ष, आलाकमान ने थमाया नोटिस

MP News: कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने मध्य प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता एवं नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पैर छूकर कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन पर स्वागत किया था.
Congress city president Surjeet Singh Chadha and workers with minister Kailash Vijayawagiya.

मंत्री कैलाश विजयवगीय के साथ कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा औक कार्यकर्ता

MP News: देश में गंगा जमुनी तहजीब की बात की जाती है. बचपन से घर आए मेहमान का स्वागत करने की तमीज सिखाई जाती है. लेकिन जब यह तहजीब इंदौर कांग्रेस के शहर और ग्रामीण अध्यक्ष ने निभाई तो उन पर निलंबन की तलवार लटक गई.

दरअसल मप्र के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत कांग्रेस नेताओ और कार्यकर्ताओ को आमंत्रित करने कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे, यहां कांग्रेस के शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव सहित तमाम कांग्रेस नेताओ और कार्यकर्ताओ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था. बस इसी को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने दोनों अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने तक निलंबित कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने मध्य प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता एवं नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पैर छूकर कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन पर स्वागत किया था. स्वागत के साथ ही कार्यालय में बैठाकर गुलाबजामुन और समोसे भी खिलाए थे. देश की तहजीब के अनुसार इसमें कुछ गलत नही है, लेकिन पहली बार बीजेपी का कोई मंत्री कांग्रेस कार्यालय पहुंचा और उसका इतने गर्मजोशी से स्वागत कांग्रेस आलाकमान को अखर गया, उन्होंने नगर और जिला अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने तक निलंबित कर दिया.

एक पेड़ मां के नाम अभियान के लिए गए थे

एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत इंदौर में 14 जुलाई को 11 लाख पौधे लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई गई थी. इसमें कांग्रेस नेताओ और कार्यकर्ताओ को शामिल करने के लिए कैलाश विजयवर्गीय 12 जुलाई की शाम गांधी भवन पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के लिए 5 हजार पौधे लगाने का जगह तय की गई है, जहां वे पौधे लगाएंगे तो उसे गांधी वन नाम दिया जायेगा. विजयवर्गीय ने राजनीति से परे एक अनूठी मिसाल पेश की थी. कांग्रेस नेताओ द्वारा निमंत्रण स्वीकार करने पर विजयवर्गीय ने खुशी जाहिर की थी.

आलकन से माफी मांग लेंगे

नोटिस जारी होने की खबरे सामने आने के बाद कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने पहले तो कोई भी नोटिस प्राप्त होने से इंकार कर दिया. चड्ढा ने यह भी कहा कि यह हमारे देश की तहजीब है, यदि दुश्मन भी घर आता है तो उसका स्वागत करते है चाय पानी पूछते है. हमने भी यही किया है, यदि इसमें किसी को बुरा लगा है तो वह पार्टी फोरम पर अपनी बात कहकर आलाकमान से माफी भी मांग लेंगे. हालांकि वह यह नहीं बता सके कि स्वागत के दौरान जो गुलाबजामुन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कैलाश विजयवर्गीय और अन्य बीजेपी नेताओ को खिलाए है वो कौन लाया था. वही चड्ढा ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का निमंत्रण स्वीकार नहीं करने की बात कही है.

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समय अवधि बीतने के बाद नोटिस आया सामने

दोनों नेताओ को 20 जुलाई को ही नोटिस जारी कर दिए गए थे और इसी दौरान दोनों को जवाब देने तक निलंबित करने की बात कही गयी है. इस मामले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने निशाना साधते हुए कहा है कि 7 दिन की अवधि बीत जाने के बाद नोटिस सामने आया है. निलंबन की अवधि के दौरान दोनों नेता काम कर रहे थे, बैठक ले रहे थे, सलूजा ने कहा कि इस पूरे मामले में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का खेला है, उनके द्वारा ही निलंबन की बात को छुपाया जा रहा था.

दोनों अध्यक्ष निलंबित रहेंगे

वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रदेश महासचिव राकेश सिंह यादव ने कहा है कि कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. कोई भी नेता या कार्यकर्ता अनुशासन हीनता करता है तो पार्टी अपनी कार्रवाई करती है. लेकिन ऐसे नेता जो शुरुआत से ही राहुल गांधी और कांग्रेस की विचारधारा पर गलत टिप्पणी करते रहे है, उनका पार्टी कार्यालय पर इस तरह से स्वागत करने से कार्यकर्ताओ की भावनाएं आहत हुई है. इस वजह से नोटिस जारी किया गया है. जब तक संतोषप्रद जवाब नही देते है दोनों अध्यक्ष निलंबित रहेंगे.

पहले भी होते रहे है स्वागत

बीजेपी नेताओ की ओर से एक सामाजिक कार्य के लिए राजनीति को परे रखकर एक अनूठी मिसाल पेश की गई थी. राजनीति में मतभेद हो सकते है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद राजनीति में मनभेद भी हो जायेंगे. कई बार ऐसा हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ की एक दूसरे के कार्यालय पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया था. जब सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी लोकसभा स्पीकर रहते हुए सुमित्रा महाजन के बंगले पहुंची थी तो उनका भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया था. तब राजनीति में सुचिता की कई मिसाले दी गई थी, लेकिन अब निलंबन के नोटिस दिए जा रहे है.

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