MP News: Indore में इंसानियत हुई शर्मसार, आदिवासी होने की मिली तालिबानी सजा, युवक को पहले पीटा फिर बंधवाए पैरों के जूतों के फीते
MP News: आजाद भारत में जातिगत भेदभाव जारी है. आदिवासी होने की आज भी तालिबानी सजा दी जा रही है. ऐसा ही कुछ इंदौर में हुआ है. यहां आदिवासी युवक को बाइक से कट मारकर निकले युवक को टोकना महंगा पड़ गया. कट मारने वाले युवक ने पहले तो आदिवासी युवक के साथ जमकर मारपीट की, जब वह जान बचाकर भागा तो उसका पीछा कर उसे फिर पीटा और फिर पैर पड़वाकर उससे जूते के फीते बंधवाए. आदिवासी पर हुए इस अत्याचार में एक युवती भी शामिल है. आदिवासी युवक के साथ हुई बर्बरता की पूरी घटना मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरा में कैद हुई है.
मामला इंदौर के भंवरकुआ थाना क्षेत्र का है. पीड़ित देपाल गिणावा मूलतः धार जिले का रहने वाला है. इंदौर में रहकर कॉलेज की पढ़ाई करने के साथ ही गैर सालों पर पार्ट टाईम काम भी करता है. उसे रक्षाबंधन के लिए अपने गांव जाना था. राखी के लिए बहन को तोहफा देना था, इसके लिए सालों पर रुपए लेने जा रहा था. रिंग रोड पर नानक नगर में एक बाईक सवार उसे कट मारते हुए निकला जिसका उसने विरोध किया. इस पर कट मारने वाला युवक बाईक से उतरा और बोला मेरा नाम रितेश राजपूत हैं, तू मुझे जानता नहीं है, इस क्षेत्र में मेरा नाम चलता है और गली गलौच देते हुए मारपीट करना शुरू कर दी. अचानक हुए हमले से घबराकर देपाल वहा से भागा तो रितेश उसका पीछा करते हुये आया और मनोज किराना स्टोर के सामने पकड़कर दोबारा मारपीट करने लगा.
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तभी अन्य बाइक से युवक युवती भी वहा पर आए, जिसमे युवक ने भी उसे लात घूंसो से पीटा. फिर देपाल से उसका नाम और जाती का पूछा, आदिवासी बताने उससे पैर छूने को कहा और जूते के लेस बंधवाए. बदमाशो का मन यही नहीं भरा इसके बाद पीड़ित को शर्ट उतारकर जाने को कहा. बेहद अपमानित हुआ देपाल ने मामले की शिकायत भंवरकुआं पर की है. पुलिस ने रितेश के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2), 296, 351(2) और 3(5) में एफआईआर दर्ज कर ली है.
आपराधिक प्रवृति का है रितेश
सूत्रों के अनुसार रितेश राजपूत आपराधिक प्रवति का है. वह भोलाराम उस्ताद मार्ग और आस-पास के क्षेत्र में हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को परेशान करता है. वह खुद को हिंदूवादी नेता बताता है, जिसके खिलाफ शहर के अन्य थानो में अपराधिक रिकार्ड दर्ज होना बताए गए हैं.