राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

हरप्रीत कौर बबला

कौन हैं चंडीगढ़ की नई मेयर हरप्रीत कौर बबला, जिन्होंने बजाया AAP-कांग्रेस का तबला?

बीजेपी ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकी और हरप्रीत कौर बबला को मेयर के पद का उम्मीदवार बनाया. वहीं, AAP ने भी अपने उम्मीदवार प्रेम लता को मैदान में उतारा और उन्हें हर संभव समर्थन देने की कोशिश की, लेकिन अंत में बीजेपी की रणनीति और हरप्रीत की नेतृत्व क्षमता ने काम कर दिया.

Nirmala Sitharaman

BJP के लिए चुनौती, विपक्ष की तलवारें तेज…बजट सत्र में बवाल के आसार!

कांग्रेस के साथ-साथ अन्य विपक्षी दल भी इस सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ने वाले हैं. खासकर, अर्थव्यवस्था के धीमे विकास, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे मुद्दों पर विपक्ष एकजुट होकर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

Aadhar Biometric Update

आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट करना अब हुआ और भी आसान, जानिए पूरी प्रक्रिया

केंद्र पहुंचकर आपको एक करेक्शन फॉर्म भरना होगा. इसमें आपको अपने आधार नंबर, नाम और अन्य जरूरी जानकारी देनी होगी. इसके बाद, आपको यह भी लिखना होगा कि आप बायोमेट्रिक अपडेट करवाना चाहते हैं.

सीएम नीतीश कुमार

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर Nitish Kumar ने क्यों बजाई ताली? जानिए नंद किशोर यादव ने कैसे संभाला मामला

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार किसी अजीब हरकत के कारण चर्चा में आए हैं. इससे पहले भी कई मौकों पर नीतीश कुमार के बयान और क्रियाकलाप विवादों का कारण बने हैं. उदाहरण के तौर पर, पिछले साल बिहार विधानमंडल में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए उन्होंने पति-पत्नी के रिश्तों को लेकर कुछ ऐसी बातें कही थीं, जो बाद में काफी चर्चा का विषय बनीं.

मनोज तिवारी और बांसुरी स्वराज

क्या ‘रेवड़ी’ के सहारे दिल्ली में 26 साल के बनवास को खत्म कर पाएगी BJP? मनोज तिवारी और बांसुरी स्वराज ने पॉडकास्ट में बताया पूरा प्लान

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजधानी की सियासत में हलचल और तेज़ होती जा रही है. इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी 26 साल की सत्ता से बाहर रहने की लंबी कहानी को खत्म करने के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरी है. […]

Viral Video

प्रोफेसर बनी दुल्हन , स्टूडेंट ने किया सिंदूरदान…वायरल वीडियो पर मचा बवाल

अब इस पूरे विवाद को लेकर विश्वविद्यालय ने कार्रवाई की है. जांच के आदेश दिए गए हैं और प्रोफेसर को छुट्टी पर भेज दिया गया है. यूनिवर्सिटी के अधिकारी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस वीडियो के पीछे क्या वजह थी.

Delhi Election 2025

कांग्रेस के किले में AAP ने जमाई जड़ें, अब तक BJP का नहीं खुला खाता…क्या जंगपुरा की ‘जंग’ जीत पाएंगे सिसोदिया?

दिल्ली के चुनावी इतिहास में भारतीय जनता पार्टी आज तक जंगपुरा की विधानसभा सीट पर अपना परचम नहीं लहरा पाई है. 1993, 1998, 2003 और 2008 के चुनावों में जहां कांग्रेस ने इस सीट पर झंडे गाड़े थे वहीं 2013, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी.

Asaduddin Owaisi

“जेल तो ऐसे जाते हैं जैसे ससुराल गए हों…”, केजरीवाल और सिसोदिया पर क्यों भड़क गए ओवैसी?

ओवैसी ने आगे कहा, "इनकी जेल यात्रा आम लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है, जहां अपराधी सजा से बचने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपनाते हैं. इन नेताओं को न्याय क्यों मिल जाता है, जबकि उनके जैसे सामान्य लोगों को कड़ी सजा मिलती है, यह एक बड़ा सवाल है."

Mahatma Gandhi Punyatithi

क्यों गांधी को जहर देने से पहले रोने लगे थे बतख मियां? कहानी चंपारण की

यह बात 1917 की है, जब गांधी चंपारण में नील के खेतों में काम कर रहे किसानों के लिए संघर्ष कर रहे थे. किसानों की हालत इतनी दयनीय थी कि उन्हें गुलामों जैसा जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा था. गांधी ने उनकी मदद के लिए कदम उठाए, और यह सच्चाई ब्रिटिश सरकार के लिए किसी आपातकाल से कम नहीं थी.

अरुणाचल और गलवान पर सॉरी, कई सवालों के जवाब ही डिलीट…DeepSeek में छुपा है ‘चाइनीज डीप स्टेट’ का खतरनाक जिन्न?

बिलकुल! जो बात सबसे मजेदार है, वो ये है कि यही DeepSeek चैटबॉट अमेरिका और यूरोप में बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है. इसने अमेरिकी बाजार में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और वहां के यूज़र्स ने इसकी कार्यक्षमता को सराहा भी. लेकिन जैसे ही ये भारत के यूज़र्स के सामने आता है, तो उसकी पोल खुलने लगती है.

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