दिल्ली में सियासी खेल बनाते और बिगाड़ते हैं स्विंग वोटर्स, एक झटके में ही पलट देते हैं सत्ता की बाजी! समझिए पूरा गुणा-गणित

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 54.35% वोट मिले, AAP को 24.17% वोट मिले, और कांग्रेस को 18.91% वोट मिले थे. हालांकि, AAP और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों अलग-अलग चुनावी मैदान में हैं.
Delhi Election 2025

प्रतीकात्मक तस्वीर

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में एक बार फिर से सत्ता की कुर्सी पर कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. तीन प्रमुख पार्टियां – आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस मैदान में है. लेकिन इस बार एक बेहद अहम सवाल खड़ा हो गया है कि क्या दिल्ली में सत्ता का खेल स्विंग वोटर्स (Swing Voters) तय करेंगे? ये वही लोग होते हैं जिनके वोट लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अलग-अलग होते हैं, और इनका वोट किसी भी पार्टी की किस्मत पलट सकता है. आइए जानते हैं कि आखिर ये स्विंग वोटर्स कौन होते हैं, उनका वोट किस पार्टी के पक्ष में जाता है, और 2025 में चुनाव परिणाम किसके पक्ष में हो सकते हैं.

सियासी खेल के मास्टरमाइंड स्विंग वोटर्स

स्विंग वोटर्स वो लोग होते हैं जो एक चुनाव में एक पार्टी को वोट देते हैं, लेकिन दूसरे चुनाव में उनका रुख बदल जाता है. दिल्ली में 20-25% ऐसे स्विंग वोटर्स हैं, जो लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट करते हैं, जबकि विधानसभा चुनाव में AAP की तरफ झुके होते हैं. ये वोटर्स दिल्ली के चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते हैं. पिछले कुछ चुनावों का पैटर्न देखें, तो इन स्विंग वोटर्स ने राजनीति की दिशा और दशा को बदल दिया है.

आंकड़ों से समझिए

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की 7 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को 46.4% वोट मिले थे, जबकि AAP को केवल 32.9% वोट मिले थे. लेकिन वही मतदाता अगले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव में बदल गए और AAP को 54.5% वोट मिले. वहीं बीजेपी को 32.2% वोट मिले, और AAP ने विधानसभा में शानदार जीत दर्ज की.

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने फिर से 56.8% वोट शेयर के साथ दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटें जीत लीं, जबकि AAP को केवल 18.1% वोट मिले थे. वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 53.6% वोट शेयर किया, और बीजेपी को 38.5% वोट ही मिले. यानी, स्विंग वोटर्स ने फिर अपना रुख बदलते हुए AAP को वोट किया.

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क्यों बदल जाता है स्विंग वोटर्स का मूड?

दिल्ली के स्विंग वोटर्स की पहचान और उनका मिजाज चुनावों में बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाता है. ये वोटर्स अपनी प्राथमिकताएं चुनावों के बीच बदलते रहते हैं. ये वोटर्स मुख्य रूप से निम्नलिखित जातीय समूहों से आते हैं:

सवर्ण समाज

दिल्ली में सवर्ण समाज का लगभग 20-22% वोट बैंक है. 2019 में सवर्ण समाज ने 75% बीजेपी को वोट किया, लेकिन 2020 में उनका रुख AAP के पक्ष में बदल गया, और AAP को 41% वोट मिले.

ओबीसी (Other Backward Classes)

ओबीसी समाज का भी करीब 25-30% वोट बैंक है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इनका 64% वोट बीजेपी को मिला था, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 49% ओबीसी वोट हासिल किए.

दलित समाज

दिल्ली में दलित समाज का 45-50% वोट बैंक है. 2019 में बीजेपी को 44% दलित वोट मिले थे, लेकिन 2020 में AAP को 69% दलित वोट मिले.

मुस्लिम समाज

मुस्लिम समाज का भी दिल्ली में 55-60% वोट बैंक है. 2019 में बीजेपी को मुस्लिम समाज से 7% वोट मिले थे, लेकिन 2020 में ये घटकर सिर्फ 3% रह गए, जबकि AAP को 83% मुस्लिम वोट मिले.

क्या 2025 में बदलेगा खेल?

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 54.35% वोट मिले, AAP को 24.17% वोट मिले, और कांग्रेस को 18.91% वोट मिले थे. हालांकि, AAP और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों अलग-अलग चुनावी मैदान में हैं.

अब सवाल ये है कि अगर स्विंग वोटर्स का रुख 2020 की तरह AAP के पक्ष में होता है, तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अगर बीजेपी लोकसभा में मिले समर्थन को विधानसभा चुनाव में भी बनाए रखती है, तो उसे 27 साल के सियासी वनवास से मुक्ति मिल सकती है.

ऐसे में इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी स्विंग वोटर्स का अहम योगदान होगा. इनका मिजाज कभी बीजेपी के पक्ष में होता है, तो कभी AAP के. ऐसे में अगर ये वोटर्स अपनी प्राथमिकताएं बदलते हैं और AAP की तरफ झुकते हैं, तो बीजेपी के लिए सत्ता का रास्ता मुश्किल हो सकता है. इसलिए, 2025 में दिल्ली का चुनाव स्विंग वोटर्स के हाथों में है, जो सत्ता का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं!

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