कांग्रेस के किले में AAP ने जमाई जड़ें, अब तक BJP का नहीं खुला खाता…क्या जंगपुरा की ‘जंग’ जीत पाएंगे सिसोदिया?

दिल्ली के चुनावी इतिहास में भारतीय जनता पार्टी आज तक जंगपुरा की विधानसभा सीट पर अपना परचम नहीं लहरा पाई है. 1993, 1998, 2003 और 2008 के चुनावों में जहां कांग्रेस ने इस सीट पर झंडे गाड़े थे वहीं 2013, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी.
Delhi Election 2025

AAP उम्मीदवार मनीष सिसोदिया

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सत्ता की जंग ने जंगपुरा विधानसभा सीट को एक बार फिर से हॉट सीट बना दिया है. यह सीट आम आदमी पार्टी (AAP) का गढ़ मानी जाती है, और इस बार मनीष सिसोदिया यहां से ताल ठोक रहे हैं. पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन अब AAP ने इस पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. आइए, जानते हैं कि इस सीट पर क्या समीकरण हैं और मनीष सिसोदिया कितने मजबूत उम्मीदवार हैं.

जंगपुरा सीट का ऐतिहासिक संदर्भ

दिल्ली के पूर्वी हिस्से में स्थित जंगपुरा कभी कांग्रेस का मजबूत किला हुआ करता था. लेकिन आम आदमी पार्टी ने यहां अपनी जड़ें जमाईं. इस बार, जंगपुरा सीट से मनीष सिसोदिया को AAP ने टिकट दिया है, जो पहले पटपड़गंज सीट से विधायक थे. अब उनके सामने बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी चुनौती पेश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली के चुनावी इतिहास में भारतीय जनता पार्टी आज तक जंगपुरा की विधानसभा सीट पर अपना परचम नहीं लहरा पाई है. 1993, 1998, 2003 और 2008 के चुनावों में जहां कांग्रेस ने इस सीट पर झंडे गाड़े थे, वहीं 2013, 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. हालांकि बीच-बीच में ऐसे मौके आए जब बीजेपी उम्मीदवार ने विजेताओं को कड़ी टक्कर दी लेकिन वे चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट पाने में नाकाम रहे.

जंगपुरा की विधानसभा सीट पर पिछले 3 चुनावों से आम आदमी पार्टी का ही दबदबा है. 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण कुमार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के इमप्रीत सिंह बख्शी को 16 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से हराया था. कांग्रेस प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह तब तीसरे नंबर पर रहे थे. 2015 के विधानसभा चुनावों में भी प्रवीण कुमार ने बीजेपी के मनिंदर सिंह धीर को 20 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर बाजी जीती थी. उन चुनावों में भी मारवाह तीसरे ही नंबर पर रहे थे.

मनीष सिसोदिया का राजनीतिक असर

मनीष सिसोदिया दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य, और सार्वजनिक सेवाओं के क्षेत्र में उनके योगदान को लोग भली-भांति जानते हैं. खासकर शिक्षा के क्षेत्र में उनके सुधारों ने उन्हें एक प्रमुख चेहरे के तौर पर स्थापित किया है. अगर हम जंगपुरा की बात करें, तो उनकी उपस्थिति ने इस सीट को और भी अहम बना दिया है. उनकी छवि एक मेहनती और निष्ठावान नेता के रूप में उभरकर सामने आई है, जो शिक्षा, पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर काम करता है.

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जंगपुरा की समस्याएं

जंगपुरा के मतदाताओं के बीच कई समस्याएं हैं. कई लोगों का कहना है कि इलाके में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है – जैसे नालियों की सफाई, सड़क पर जमा पानी, और झुग्गियों की टूटने का डर. एक महिला मतदाता ने कहा कि झुग्गियां तोड़ी जाने की बात कही जा रही है, और नेता यह वादा कर रहे हैं कि वे इन्हें नहीं तोड़ने देंगे. हालांकि, लोगों का ये भी कहना है कि चुनाव के समय नेता आते हैं, लेकिन चुनाव बाद स्थिति जस की तस रहती है.

कुछ मतदाता यह भी कहते हैं कि हालांकि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पानी, बिजली और शौचालय जैसी सुविधाएं मुहैया कराई हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर और भी बहुत कुछ किया जाना चाहिए.

जंगपुरा का चुनावी समीकरण

जंगपुरा विधानसभा सीट में कुल 1,42,634 वोटर हैं, जिनमें से 77,244 पुरुष, 65,387 महिलाएं और 3 ट्रांसजेंडर वोटर हैं. इस चुनाव में ये वोटर्स मनीष सिसोदिया के लिए निर्णायक साबित होंगे. जंगपुरा पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां से भाजपा के हर्ष मल्होत्रा सांसद हैं. हालांकि, यहां पर AAP की मजबूत स्थिति को देखते हुए सिसोदिया के लिए चुनावी मैदान में जीत का रुझान सकारात्मक दिख रहा है.

इस बार जंगपुरा विधानसभा सीट पर जो सबसे बड़ी बात सामने आई है, वह यह है कि यह चुनावी जंग सिर्फ स्थानीय मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे दिल्ली के विकास मॉडल पर भी सवाल उठाती है. मनीष सिसोदिया के सामने बीजेपी और कांग्रेस जैसे कड़े प्रतिद्वंद्वी हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सिसोदिया जंगपुरा के मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरते हैं या नहीं, और क्या वो इस सीट को जीतकर आम आदमी पार्टी की बढ़त को और मजबूत कर पाते हैं. तो, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जंगपुरा की जंग एक दिलचस्प मुकाबला बनने जा रही है, जिसमें मनीष सिसोदिया की साख दांव पर है!

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