टेस्ला कार के लिए चिप बनाएगी Tata, भारत में आने से पहले Elon Musk की कंपनी ने की बड़ी डील

Tata And Elon Musk: रतन टाटा की कंपनी और एलन मस्‍क की टेस्‍ला के बीच एक बड़ी डील हुई है. टेस्‍ला ने अपनी कारों के लिए टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स से सेमीकंडक्‍टर चीप खरीदने के लिए यह बड़ी डील की है.
Tesla Car

प्रतिकात्मक चिह्न

Tata And Elon Musk: रतन टाटा की कंपनी से एलन मस्क ने एक बड़ा समझौता किया है. दरअसल एलन मस्‍क की टेस्‍ला कारों के लिए टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स सेमीकंडक्‍टर चीप का निर्माण करनेगी. दोनों कंपनियों के बीच खरीदारी और आपूर्ति को लेकर डील पक्की हो चुकी है. यह डील ऐसे समय में हुई है, जब एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भारत में अपनी फैक्‍ट्री लगाने की योजनाओं पर काम कर रही है. हाल ही में सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर पोस्ट करते हुए एलन मस्‍क ने बताया था कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं.

वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया जा रहा है कि एलन मस्‍क 22 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह के दौरान कभी भी भारत आ सकते हैं. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद एलन मस्‍क टेस्‍ला के भारत में आने की संभावनाओं पर मुहर लगा सकते हैं और एक बड़े निवेश की घोषणा भी कर सकते हैं.

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टेस्ला और टाटा के बीच समझौता

अमेरिकी कंपनी टेस्ला अपनी कारों को लेकर दुनिया भर में काफी मशहूर है. अब कंपनी ने टेस्ला कार में सेमीकंडक्‍टर लगाने के लिए टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स से समझौता की है. यह डील इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है, क्योंकि यह टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को टॉप ग्लोबल क्लांट के लिए  विश्वसनीय सप्लायर के तौर पर स्‍थापित करेगा. यह डील कुछ महीने में पूरी कर ली जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि, टाटा इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और टेस्‍ला के बीच डील की रकम का कोई खुलासा नहीं हुआ है. वहीं कपंनियों ने भी इस डील पर कुछ नहीं कहा है.

2 से 3 अरब डॉलर का हो सकता है निवेश

इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के प्रसीडेंट अशोक चंडक ने कहा है कि टेस्ला का यह फैसला इलेक्ट्रॉनिक्स के लोकल सप्‍लायर के लिए एक इकोसिस्टम तैयार करेगा. हाल ही में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने 50-60 टॉप लेवल के एक्स्पर्ट्स की भर्ती की है. वहीं दूसरी ओर टेस्‍ला को लेकर कहा जा रहा है कि यह कंपनी भारत में 2 से 3 अरब डॉलर का निवेश कर सकती है.

गौरतलब है कि नीतिगत बदलावों के साथ ऑटो कंपनियों को 15 फीसदी कम आयात शुल्‍क पर 35 हजार डॉलर या उससे ज्‍यादा रेट वाले ईवी आयात करने की मंजूरी दी है, लेकिन यह भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए तीन साल के अंदर 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए वाहन निर्माताओं की प्रतिबद्धता पर निर्भर होगा.

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