पलक झपकते प्रलय! दुश्मनों पर कहर बरपाएगी भारत की यह हाइपरसोनिक मिसाइल, चीन-अमेरिका भी पीछे
प्रतीकात्मक तस्वीर
India Hypersonic Missile: पिछले दिनों भारत के रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया. यह हाइपरसोनिक मिसाइल को शक्ति देगा. इस उपलब्धि के साथ भारत अब अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास यह सुपरफास्ट हथियार है. यह मिसाइल इतनी तेज है कि दुश्मन को संभलने का मौका ही नहीं देगी!
क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल?
हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की गति से 5 गुना तेज, यानी 6,100 किमी प्रति घंटा चलती है. भारत की मिसाइल LRAShM (लॉन्ग रेंज एंटी-शिप हाइपरसोनिक मिसाइल) 11,113 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ती है, यानी 1 सेकंड में 3 किमी. यह दिशा बदल सकती है, जिससे इसे रोकना लगभग नामुमकिन है. नवंबर 2024 में इसका परीक्षण हो चुका है, और नया इंजन इसे और तेज करेगा.
कितनी ताकतवर है यह मिसाइल?
इस मिसाइल की रेंज 1,500 किमी से ज्यादा है. दिल्ली से यह 3-4 मिनट में इस्लामाबाद, 6-7 मिनट में कराची और 1-2 मिनट में ढाका पहुंच सकती है. पाकिस्तान की सीमा पर तैनात करें तो पूरा पाकिस्तान इसके निशाने पर होगा. चीन की सीमा से 45% चीन और समुद्र तट से अरब सागर, हिंद महासागर में दुश्मन के जहाज तबाह हो सकते हैं.य
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भारत को कैसे फायदा?
यह मिसाइल भारतीय समुद्री क्षेत्र (IOR) की रक्षा करेगी, जहां से 80% वैश्विक तेल व्यापार होता है.
चीन या पाकिस्तान के जासूसी जहाजों को यह चुटकियों में नष्ट कर सकती है. खास बात दुनिया के ज्यादातर एयर डिफेंस सिस्टम इसे ट्रैक नहीं कर सकते. वहीं, इस सिस्टम से अलग-अलग हथियार ले जाया जा सकता है, जिससे रेंज और बढ़ सकती है.
भारत की खासियत
भारत के पास ऐसी मिसाइलों को ट्रैक करने का सिस्टम भी है, जो कई बड़े देशों के पास नहीं. यह मिसाइल टारगेट पर सटीक हमला करती है और रास्ते में अपनी दिशा बदल सकती है. इससे दुश्मन के लिए इसे रोकना असंभव है.
दुनिया में कहां खड़ा है भारत?
रूस इस रेस में सबसे आगे है, लेकिन भारत अब पीछे नहीं. ब्रह्मोस-2 में देरी के बाद भारत ने अपनी तकनीक से यह मिसाइल बनाई. अमेरिका, चीन और उत्तर कोरिया के पास भी ऐसी मिसाइलें हैं, लेकिन भारत की यह उपलब्धि एशिया में उसकी ताकत बढ़ाएगी.
यह मिसाइल भारत को समुद्री और जमीनी दोनों मोर्चों पर अजेय बनाएगी. मलाका से पारस की खाड़ी तक, भारत की नौसेना इसे तैनात कर दुश्मनों को सबक सिखा सकती है.