‘पेट’ से है पाकिस्तान, कभी भी हो सकता है बलुचिस्तान! जानिए पहलगाम हमले के बाद अब तक क्या-क्या हुआ

बलुचिस्तान कार्ड बलुचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ आजादी की आवाज दशकों से उठ रही है, क्योंकि बलोच जनता पाकिस्तानी सरकार और सेना की ज्यादतियों से तंग है. 1947 में पाकिस्तान के गठन के बाद, बलुचिस्तान को जबरन शामिल किया गया, जिसे बलोच नेताओं ने कभी स्वीकार नहीं किया.
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पीएम मोदी

Pehalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन मोड में है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में दिल्ली में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मैराथन बैठकें, जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट और पाकिस्तान पर कूटनीतिक स्ट्राइक, भारत की रणनीति अब पूरी तरह से आक्रामक मोड में है. आइये भारत कैसे तैयार कर रहा है पाकिस्तान को सबक सिखाने का मास्टरप्लान? विस्तार से जानते हैं.

आग में घी डालने वाली घटना पहलगाम हमला

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन वैली में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें 26 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ ने इस कायराना हमले की जिम्मेदारी ली. हमलावरों ने धर्म पूछकर गोलियां बरसाईं, जिसने पूरे देश को गुस्से से भर दिया. PM मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही CCS की आपात बैठक बुलाई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, NSA अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल थे.

भारत की रणनीति का पहला पंच

भारत अब आतंक की जड़, यानी पाकिस्तान को सीधे निशाना बनाने के मूड में है. CCS की बैठक में लिए गए 5 बड़े फैसलों ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. पाकिस्तान अपनी सिंचाई और बिजली के लिए इन नदियों पर निर्भर है, अब पानी के लिए तरस रहा है.

भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर एक हफ्ते में देश छोड़ने का आदेश दिया. साथ ही, उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई. पाकिस्तानी नागरिकों को भारत का वीजा बंद, SAARC वीजा छूट खत्म, और भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने का फरमान.

विदेश मंत्री जयशंकर ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीतियों को उजागर करने की रणनीति बनाई. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और तालिबान सरकार तक ने हमले की निंदा की, जिससे पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया. पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 150 मिनट की हाई-लेवल बैठक की, जिसमें थल, जल और वायु , हर तरह के सैन्य विकल्पों पर चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, भारत के पास कई ऑप्शन हैं.

2016 के उरी और 2019 के पुलवामा हमलों के बाद भारत ने PoK में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. इस बार भी सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जा सकता है.

बलुचिस्तान कार्ड

बलुचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ आजादी की आवाज दशकों से उठ रही है, क्योंकि बलोच जनता पाकिस्तानी सरकार और सेना की ज्यादतियों से तंग है. 1947 में पाकिस्तान के गठन के बाद, बलुचिस्तान को जबरन शामिल किया गया, जिसे बलोच नेताओं ने कभी स्वीकार नहीं किया. 1948 में पहला सशस्त्र विद्रोह हुआ, और तब से बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलोच रिपब्लिकन आर्मी (BRA) जैसे संगठन आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. पाकिस्तानी सेना की क्रूरता, जैसे फर्जी मुठभेड़ें, लोगों को गायब करना, और प्राकृतिक संसाधनों (गैस, खनिज) का शोषण ने बलोचों में गुस्सा भड़काया है. ग्वादर पोर्ट और CPEC से बलोचों को कोई फायदा नहीं मिला, जिसने अलगाववादी आंदोलन को और हवा दी.

भारत बलुचिस्तान को अलग करने की आवाज को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा सकता है. कूटनीतिक रूप से भारत UN और G20 जैसे मंचों पर बलुचिस्तान में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान को घेर सकता है. खुफिया एजेंसियां, जैसे रॉ अहम भूमिका निभा सकती हैं, जैसा कि 2016 में PM मोदी के बलुचिस्तान जिक्र के बाद संकेत मिले थे. आर्थिक दबाव के लिए, भारत सिंधु जल संधि को रद्द कर और चाबहार पोर्ट को बढ़ावा देकर बलुचिस्तान की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकता है. सैन्य रूप से PoK में सर्जिकल स्ट्राइक या अरब सागर में नौसेना की गश्त से पाकिस्तान को व्यस्त रखकर बलोच विद्रोहियों को मौका दिया जा सकता है.

जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट

पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर का दौरा कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. NIA ने हमले की जांच शुरू कर दी. अब तक 1500 लोगों से पूछताछ हो चुकी है, वहीं 15 संदिग्धों की पहचान हो चुकी है.

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दिल्ली में CCS और सर्वदलीय बैठक

PM मोदी की अध्यक्षता में CCS की ढाई घंटे की बैठक में ‘बदले का ब्लूप्रिंट’ तैयार हो चुका है. इसके बाद 24 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, TMC, DMK जैसे दलों ने हिस्सा लिया. सभी दलों ने हमले की निंदा की और सरकार को एकजुट समर्थन दिया.

PM मोदी का मधुबनी में दहाड़

बिहार के मधुबनी में रैली के दौरान PM मोदी ने गुस्से में कहा, “पहलगाम में आतंकियों ने मासूमों की जान ली, लेकिन उनकी सजा ऐसी होगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की.” उन्होंने अंग्रेजी में वैश्विक समुदाय को भी संदेश दिया, “भारत हर आतंकी को ढूंढकर सजा देगा.”

शहबाज शरीफ की इमरजेंसी बैठक

भारत के कड़े कदमों से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. PM शहबाज शरीफ ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की आपात बैठक बुलाई, जिसमें सेना प्रमुख और मंत्रियों ने हिस्सा लिया. पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को सीमा पर तैनात किया, लेकिन पूर्व मंत्री फवाद हुसैन ने माना कि भारत के हमले का जवाब देना मुश्किल होगा. कराची स्टॉक एक्सचेंज धड़ाम से गिर गया, और पाकिस्तानी निवेशक दहशत में हैं.

360-डिग्री अटैक

भारत की रणनीति अब कूटनीति, सैन्य, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक, हर मोर्चे पर है. पहलगाम हमले ने भारत को एकजुट कर दिया है. PM मोदी का बिहार से दिया गया संदेश “चुन-चुनकर हिसाब लूंगा” हर भारतीय के दिल की बात है. CCS की बैठक, जम्मू-कश्मीर में अलर्ट, और पाकिस्तान पर कूटनीतिक-सैन्य दबाव –ये सब दिखाता है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि आतंक की जड़ों को उखाड़ फेंकेगा.

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