Gwalior: हाईकोर्ट में अंबेडकर मूर्ति विवाद, जातिगत तनाव बढ़ा, चंद्रेशखर आजाद बोले- बहुजन आत्मसम्मान पर हमला है

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जातिगत तनाव में बदल गया है.
Chandrashekhar has asked to come to Gwalior soon regarding the Ambedkar statue dispute in the High Court premises.

हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर मूर्ति विवाद को लेकर चंद्रशेखर ने जल्द ही ग्वालियर आने के लिए कहा है.

Gwalior: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जातिगत तनाव में बदल गया है. सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले लोगों को पुलिस ने चेतावनी दी है. साथ ही नफरत फैलाने वाले 6 सोशल मीडिया हैंडलर्स को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. वहीं मामले पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि यह बाबा साहेब के विचारों और बहुजन आत्मसम्मान पर हमला है.

‘विवाद अपमानजनक मोड़ पर पहुंच चुका है’

भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके नाराजगी जाहिर की है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को टैग करते हुए चंद्रशेखर ने लिखा, ‘मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर ग्वालियर खंडपीठ में भारतीय संविधान के निर्माता, आधुनिक भारत के शिल्पकार एवं शोषितों वंचितों व महिलाओं के मुक्तिदाता, ज्ञान के प्रतीक, विश्व रत्न, उपरम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा की स्थापना को लेकर कई दिनों से चल रहा विवाद अपमानजनक और हिंसक मोड़ पर पहुंच चुका है.’

बहुत जल्द मैं ग्वालियर आऊंगा- चंद्रेशेखर आजाद

चंद्रशेखर ने आगे कहा, ‘माननीय उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद बाबा साहेब की प्रतिमा को न केवल न्यायालय परिसर में प्रवेश से रोका जा रहा है बल्कि ये धमकी दी रही है “प्रतिमा ही नहीं बचेगी”. यह सीधा न्यायपालिका की अवमानना है. यह सिर्फ एक मूर्ति का सवाल नहीं है, यह हमारे आत्मसम्मान, इतिहास और संवैधानिक चेतना का प्रश्न है. सबसे शर्मनाक बात यह है कि जब भीम आर्मी के निहत्थे कार्यकर्ताओं ने इस अन्याय के विरुद्ध शांतिपूर्वक विरोध किया, तब पुलिस की मौजूदगी में उन पर कायराना हमला किया गया. यह हमला सिर्फ भीम आर्मी पर नहीं, बाबा साहेब के विचारों और बहुजन आत्मसम्मान पर हमला है.मुख्यमंत्री जी क्या आपकी सरकार उस सोच के सामने नतमस्तक हो चुकी है जो बाबा साहेब की विरोधी है और संविधान की आत्मा को कुचलना चाहती है? हम इस अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठ सकते है. बहुत जल्द मैं ग्वालियर आऊंगा.’

मूर्ति लगाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद

एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ अंबेडकर प्रतिमा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था. वकीलों ने अंबेडकर की मूर्ति को कोर्ट परिसर में लगाने का विरोध किया था. जिसके बाद भीर्मी आर्मी के नेता कोर्ट परिसर पहुंच गए. पुलिस फोर्स के बीच में वकीलों ने भीम आर्मी नेता रूपेश केन और उनके साथियों से मारपीट हुई थी. जिसके बाद लगातार बयानबाजी से जातिगत तनाव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है.

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