मध्य प्रदेश भाजपा में सांसदों और विधायकों के बीच बढ़ती तकरार, दिल्ली हाई कमान की ओर से तलब हो सकते हैं नेता

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और स्थानीय विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच भी विवाद उत्पन्न हो गया है. मिश्रा ने हाल ही में एक बयान में कहा कि तिवारी ने लूट, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार की राजनीति की है. उन्होंने तिवारी की कार्यशैली को आलोचना का निशाना बनाते हुए कहा कि अगर आज शहर की सड़क पर एक गड्डा हो जाता है तो अखबार की सुर्खियां बन जाती हैं, जबकि तिवारी के समय में सड़कें गड्डों से भरी रहती थीं.
बीजेपी

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MP Politics: मध्य प्रदेश भाजपा में सांसदों और विधायकों के बीच रिश्ते दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. हाल ही में कुछ घटनाएं सामने आई हैं जो इस बढ़ती दरार को और स्पष्ट करती हैं. इनमें से तीन प्रमुख मामले इस समय चर्चा में हैं, और इन घटनाओं के बाद पार्टी संगठन की ओर से तलब किए जाने की संभावना जताई जा रही है.

मामला 1: नरेंद्र शिवाजी पटेल और दर्शन सिंह चौधरी

हाल ही में एक विवाद सामने आया है जिसमें प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और नर्मदापुरम के विधायक दर्शन सिंह चौधरी शामिल हैं. रायसेन जिले के देवरी में शिक्षक दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में मंत्री नरेंद्र पटेल के साथ नर्मदापुरम के सांसद दर्शन सिंह चौधरी को भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन कार्यक्रम के दौरान दर्शन सिंह को ज्यादा सम्मान मिला, उनके नाम का उल्लेख आमंत्रण पत्र में मंत्री के नाम के ऊपर किया गया. इससे नाराज होकर मंत्री पटेल ने निजी स्कूल की मान्यता समाप्त करने का नोटिस भेज दिया.

मामला 2: वीरेंद्र खटीक और मानवेंद्र सिंह

छतरपुर में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के खिलाफ भाजपा के ही नेता मानवेंद्र सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं. मानवेंद्र सिंह ने कहा कि खटीक ने जिन सांसद प्रतिनिधियों को मनोनीत किया है, उनमें से कई पर हत्या और गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. मानवेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि ये लोग उनके बेटे के खिलाफ गुटबाजी कर रहे हैं. वीरेंद्र खटीक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आरोप लगाने के लिए किसी को रोका नहीं जा सकता और उन्होंने चुनौती दी कि कोई भी आरोप सिद्ध कर दे तो वे सजा भुगतने को तैयार हैं.

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मामला 3: जनार्दन मिश्रा और सिद्धार्थ तिवारी

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और स्थानीय विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच भी विवाद उत्पन्न हो गया है. मिश्रा ने हाल ही में एक बयान में कहा कि तिवारी ने लूट, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार की राजनीति की है. उन्होंने तिवारी की कार्यशैली को आलोचना का निशाना बनाते हुए कहा कि अगर आज शहर की सड़क पर एक गड्डा हो जाता है तो अखबार की सुर्खियां बन जाती हैं, जबकि तिवारी के समय में सड़कें गड्डों से भरी रहती थीं.

इन घटनाओं के बाद, भाजपा संगठन की ओर से किसी भी समय हस्तक्षेप की संभावना जताई जा रही है. इससे सभी नेताओं को एक साझा मंच पर लाकर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.

 

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