क्या बारिश के बाद बढ़ जाती है ठंड? जानिए इसके पीछे का असली विज्ञान
Weather: दिसंबर का महीना आते ही सर्दी का अहसास तेज़ी से बढ़ने लगता है. फिर अचानक बारिश होती है, और हमें लगता है जैसे ठंड और भी बढ़ गई हो. लेकिन क्या सच में बारिश से ठंड बढ़ती है या फिर हम बस यह महसूस करते हैं कि कुछ बदल गया है? चलिए, इस ठंडी-ठंडी हवा के पीछे के विज्ञान को विस्तार से समझते हैं!
बारिश और ठंड का रिश्ता
मानसून की बारिश हो या सर्दियों में बारिश, हर बार हम यही सोचते हैं कि क्या इस बारिश से ठंड बढ़ रही है? या फिर यह केवल एक भ्रम है जो हम अपने शरीर और मौसम की प्रतिक्रिया से महसूस करते हैं? जब मौसम में अचानक बदलाव होता है और बारिश होती है, तो हम महसूस करते हैं कि तापमान गिर रहा है, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? इसे जानने के लिए सबसे पहले ये जानना होगा कि आखिर बारिश क्यों होती है.
बारिश क्यों होती है?
आपने कभी सोचा है कि बारिश आखिर होती क्यों है? जब गर्मी में समुद्र का पानी वाष्पित होकर आकाश में फैलता है, तो यह वायुमंडल में जमा होकर बादल बनाता है. जब यह बादल भारी हो जाते हैं और हवा में नमी बढ़ती है, तो बारिश होती है. सर्दियों में जब पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) प्रभावी होता है, तब बारिश होती है, और यह खासकर उत्तर भारत में ठंड में होने वाली बारिश का प्रमुख कारण होता है. अब जब बारिश होती है, तो क्या हमें सच में ठंडक महसूस होती है? इसका जवाब जानने के लिए, हमें कुछ अहम वैज्ञानिक पहलुओं पर ध्यान देना होगा.
बारिश से क्यों बढ़ती है ठंड?
बारिश और ठंड का जो रिश्ता है, वह पूरी तरह से वायुमंडल की प्रक्रिया पर निर्भर करता है.
हवा में नमी का बढ़ना: बारिश के दौरान वायुमंडल में नमी का स्तर बढ़ जाता है. अब नमी क्या करती है? यह हमारे शरीर के तापमान को ठंडा करने का काम करती है. बारिश के दौरान पानी की बूंदें जमीन पर गिरने से वायुमंडल की गर्मी को सोख लेती हैं, और इसके कारण तापमान गिर जाता है. जब वायुमंडल में नमी ज्यादा हो जाती है, तो हमें ठंड का एहसास ज्यादा होता है.
सूर्य की किरणें अवरुद्ध होती हैं: बारिश के दौरान आसमान में बादल होते हैं, जो सूर्य की किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकते हैं. यह ‘सोलर रेडिएशन ब्लॉकेज’ कहलाता है. जब सूरज की गर्मी हमें नहीं मिलती, तो पृथ्वी का तापमान गिरता है और हमें ठंड का अनुभव होता है.
ठंडे पानी का असर: बारिश का पानी सामान्यत: ठंडा होता है, खासकर जब यह सर्दियों में हो. जब बारिश होती है, तो यह ठंडा पानी वातावरण में घुलता है और आसपास की हवा को भी ठंडा कर देता है. यही कारण है कि जब लगातार बारिश होती है, तो ठंड बढ़ जाती है.
हवा की गति: बारिश के दौरान हवा की गति बढ़ जाती है, जो ठंड को और भी अधिक महसूस कराती है. तेज़ हवा शरीर के संपर्क में आने से तापमान को और कम कर देती है, जिससे हमें और भी ठंडक का अहसास होता है.
बारिश के दौरान हमारे शरीर की गर्मी नियंत्रित करने की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है. यह भी एक कारण है कि हम बारिश के बाद ठंड को अधिक महसूस करते हैं. नमी और हवा का असर हमारे शरीर के तापमान को प्रभावित करता है और ठंडक का एहसास अधिक होता है.
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सर्दियों में बारिश क्यों होती है?
भारत में सर्दियों में बारिश का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) है. यह एक प्रकार का तूफान होता है जो भूमध्य सागर और कैस्पियन सागर के पास बनता है. यह ठंडी और बर्फीली हवाएं उत्तर भारत की ओर आती हैं और सर्दियों में बारिश और बर्फबारी का कारण बनती हैं.
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पिछले कुछ सालों में बढ़ा है, और इसी कारण सर्दियों में बारिश की घटनाएं अधिक देखी जा रही हैं. यह ठंडी हवा और बारिश मिलकर वातावरण के तापमान को गिरा देती हैं, और हमें सर्दी का महसूस होना और भी बढ़ जाता है.
क्या बारिश हमेशा ठंड बढ़ाती है?
यह सवाल भी हमारे मन में उठता है कि क्या बारिश हमेशा ठंड बढ़ाती है? इसका जवाब थोड़ा जटिल है. दरअसल, यह मौसम की स्थितियों पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, जब मानसून की बारिश होती है, तो तापमान में गिरावट आती है और हमें ठंडक महसूस होती है. लेकिन कभी-कभी बारिश के दौरान तापमान बढ़ भी सकता है, जैसे कि गरम हवाओं के प्रभाव में.
क्या करना चाहिए जब बारिश और ठंड साथ आए?
अब जब हमें समझ में आ गया कि बारिश और ठंड के बीच का संबंध क्या है, तो सवाल यह उठता है कि हमें क्या करना चाहिए जब यह दोनों एक साथ आ जाएं. यहां कुछ टिप्स दी जा रही हैं, जो बारिश और ठंड के दौरान आपके अनुभव को बेहतर बना सकती हैं:
उचित कपड़े पहनें: बारिश के दौरान गर्म और पानी से बचने वाले कपड़े पहनें. इससे शरीर ठंड से सुरक्षित रहता है.
हॉट ड्रिंक्स का सेवन करें: ग्रीन टी, चाय या गर्म सूप का सेवन करें, जो शरीर को गर्म रखने में मदद करेगा.
वातावरण के अनुसार तैयार रहें: मौसम के अनुसार अपने दिन की योजना बनाएं और बाहर जाने से पहले मौसम का हाल जान लें.