सिंगापुर से लेकर चीन तक…एक बार फिर से डराने लगा कोरोना वायरस, क्या फिर चाहिए बूस्टर डोज?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये लहर पहले जितनी खतरनाक नहीं है. ज्यादातर लोग हल्के लक्षणों के साथ घर पर ही ठीक हो रहे हैं. भारत में हालात कंट्रोल में हैं, लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है. अगर आपने वैक्सीन ले रखी है और स्वस्थ हैं, तो डरने की जरूरत नहीं.
COVID-19 New Wave

प्रतीकात्मक तस्वीर

COVID-19 New Wave: कोरोना वायरस एक बार फिर सुर्खियों में है. सिंगापुर, चीन, हांगकांग, थाईलैंड और भारत समेत एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं, बस थोड़ी सावधानी और सतर्कता बरतने का वक्त है. आइए, जानते हैं क्या है ताजा स्थिति और क्या आपको बूस्टर डोज लेने की जरूरत है.

कहां-कहां मचा है हड़कंप?

सिंगापुर में मई 2025 की शुरुआत से ही कोविड केस में उछाल देखा जा रहा है. वहां 14,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जो पिछले साल से 28% ज्यादा हैं. हांगकांग में तो 10 हफ्तों में मामले 30 गुना बढ़ गए. चीन में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट दोगुना हो चुका है और थाईलैंड में सॉन्गक्रान फेस्टिवल के बाद केस बढ़े हैं. भारत में भी 257 सक्रिय मामले हैं, खासकर केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में. लेकिन अच्छी खबर ये है कि भारत में स्थिति अभी काबू में है.

कौन है इस लहर का ‘विलेन’?

इस बार ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट और इसके सब-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 जिम्मेदार हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ बताया है. ये वैरिएंट तेजी से फैलता है, लेकिन राहत की बात है कि ये पहले जितना खतरनाक नहीं. ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और थकान दिख रहे हैं. अस्पताल में भर्ती होने की नौबत कम ही आ रही है.

भारत में क्या है हाल?

भारत में कोविड की स्थिति अभी चिंताजनक नहीं है. 257 सक्रिय मामले देश की विशाल आबादी के हिसाब से बहुत कम हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि नई लहर का कोई बड़ा खतरा नहीं है. फिर भी, सतर्क रहना जरूरी है, खासकर उन राज्यों में जहां मामले ज्यादा दिख रहे हैं.

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बूस्टर डोज लेना चाहिए या नहीं?

अगर आप बुजुर्ग हैं, बच्चे हैं, या डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो बूस्टर डोज आपके लिए जरूरी हो सकता है. सिंगापुर और हांगकांग में भी कमजोर इम्युनिटी वालों को बूस्टर लेने की सलाह दी जा रही है, खासकर अगर उनकी आखिरी डोज या कोविड इन्फेक्शन को 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं. भारत में भी अगर आप सिंगापुर, चीन या हांगकांग जैसे देशों की यात्रा करने वाले हैं, तो बूस्टर डोज लेना समझदारी होगी. WHO के मुताबिक, XBB.1.5 बूस्टर वैक्सीन JN.1 के खिलाफ 19% से 49% तक सुरक्षा दे सकती है. अगर आप स्वस्थ हैं और पहले वैक्सीन ले चुके हैं, तो ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं.

खुद को सुरक्षित कैसे रखें?

  • भीड़ वाली जगहों पर मास्क जरूर पहनें.
  • बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइजर यूज करें.
  • मुंह और नाक को रुमाल या टिश्यू से ढकें.
  • सिंगापुर, हांगकांग या चीन जैसे देशों में जाने से पहले सावधानी बरतें.
  • बुखार, खांसी या थकान जैसे लक्षण हों, तो फौरन टेस्ट करवाएं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये लहर पहले जितनी खतरनाक नहीं है. ज्यादातर लोग हल्के लक्षणों के साथ घर पर ही ठीक हो रहे हैं. भारत में हालात कंट्रोल में हैं, लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है. अगर आपने वैक्सीन ले रखी है और स्वस्थ हैं, तो डरने की जरूरत नहीं. लेकिन कमजोर इम्युनिटी वालों को बूस्टर डोज और सावधानी पर ध्यान देना चाहिए. कोविड अभी गया नहीं है, लेकिन सही कदमों से हम इसे हरा सकते हैं.

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