MP News: जंगलों में अतिक्रमण रोकने के लिए एक्शन मोड में वन विभाग, शिकार-कटाई रोकने 3 महीने पैदल गश्त करेंगे वन कर्मी

MP News: वन विभाग के अधिकारियों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का उल्लेख करना होगा.
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प्रतीकात्मक चित्र

MP News: जंगल में हो रहे अतिक्रमण, अवैध कटाई और वन्यप्राणियों को बचाने के लिए वन विभाग एक्शन मोड में आ गया हैं. वर्षा ऋतु में जंगलों में बेशकीमती लकड़ियों के अवैध व्यापार को रोकने, टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में होने वाले शिकार को रोकने के लिए वन विभाग ने वन अमले को जंगलों और टाइगर रिजर्व में पैदल गश्ती करने का आदेश जारी किया है. जिससे जंगल माफियाओं की कार्रवाई पर रोक लगाया जा सकें. बरसात के मौसम में विभाग को अंदेशा है कि शिकारी और जंगल माफियाओं को गिरोह सक्रिय होकर जंगल और वन्यप्राणियों को शिकार को अंजाम देते है.

इन गिरोहों का पर्दाफाश करने के लिए पीसीसीएफ सुरक्षा बल, सीसीएफ सुरक्षा बल का दस्ता, एसडीओ, मैदानी डिप्टी रेंजर सहित अन्य वन्य कर्मचारी जंगल में पैदल गस्त करेंगे. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बरसात के चलते जंगल में पेट्रोलिंग वाहन हर जगह नहीं जा सकता है. वन विभाग की प्रदेश में लाखों हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है.

इन जिलों में सबसे ज्यादा हुआ अतिक्रमण

शिवपुरी, मुरैना, भिंड, बैतुल, सीधी, सतना, विदिशा, उमरिया और शहडोल ऐसे जिले है जहां सबसे ज्यादा फारेस्ट की जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने अपना कब्जा सालों से जमाया हुए हैं.

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एनुअल रिपोर्ट में दर्ज होगा

वन विभाग के अधिकारियों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का उल्लेख करना होगा. कौन अधिकारी फॉरेस्ट की कितनी जमीन को अतिक्रमणकारियों के चुंगल से मुक्त कराया है. इसके आधार पर विभाग अधिकारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट बनाएगा. इसके आधार पर अधिकारियों को प्रमोशन होगा.

महिलाओं को देखकर अतिक्रमणकारियों नहीं करते हमला

महिला अधिकारी भी फील्ड में अतिक्रमण की कार्रवाई को प्रभावित करने के दौरान कई बार अतिक्रमणकारियों द्वारा महिलाओं को सहारा लेकर वन अमले की कार्रवाई को रोक देते है. भविष्य में अतिक्रमणकर्ता महिलाओं को अपना सहारा नहीं बनाए इसकों मददेनजर रखते हुए वन विभाग ने महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को भी मैदान में उतरने को लेकर आदेश जारी किया है.

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