Lok Sabha Election 2024: चाचा और भाई पर फूटा चिराग पासवान का गुस्सा, लगा दिया बड़ा आरोप, अब क्या करेंगे पशुपति पारस?

चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज पर पार्टी को हाईजैक कर अकेला छोड़ देने का आरोप लगाया.
चिराग पासवान, पशुपति पारस

चिराग पासवान, पशुपति पारस

Lok Sabha Election 2024: बिहार में तीसरे चरण के मतदान की तैयारियों में सभी राजनीतिक पार्टियां जुट गई हैं. इस चरण में समस्तीपुर में भी मतदान होना है. यहां से बिहार सरकार के कद्दावर मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी चुनाव लड़ रही हैं. बुधवार को शांभवी चौधरी के लिए उच्च विद्यालय कुशेश्वरस्थान के खेल मैदान में एक सभा आयोजित की गई थी. इस सभा को संबोधित करते हुए एलजेपी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने अपने चाचा और चचेरे भाई पर धोखा देने का आरोप लगा दिया.

पशुपति और प्रिंस ने पार्टी को हाईजैक किया: चिराग पासवान

चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज पर पार्टी को हाईजैक कर अकेला छोड़ देने का आरोप लगाया. जबकि लोजपा और परिवार में विभाजन कराने में इशारे ही इशारे में बिना नाम लिए महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी सन्नी हजारी के पिता महेश्वर हजारी पर ठीकरा फोड़ा. उन्होंने इन लोगों से सावधान रहने की अपील की.

पिता के अधूरे कार्य को शांभवी के साथ करूंगा पूरा: चिराग पासवान

जनसभा को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने कहा, “कुशेश्वरस्थान से मेरे पिताजी स्व. रामविलास पासवान का काफी लगाव था. मेरे पिताजी यहां कई विकास कार्य किए. चिराग ने कहा कि अपने पिताजी के अधूरे कार्य को अपनी छोटी बहन शांभवी चौधरी के साथ मिलकर पूरा करूंगा. उन्होंने देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने हेतु लोजपा प्रत्याशी शांभवी चौधरी के चुनाव चिन्ह हेलीकॉप्टर छाप का बटन दबाकर विजय बनाने का आह्वान किया.

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चिराग की पार्टी के पास 5 सीटें

गौरतलब है कि चिराग पासवान को इस बार पांच लोकसभा सीटें मिली हैं जिनमें वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई शामिल हैं. ये सभी सीटें लोजपा के पास हैं जिसके मुखिया पशुपति पारस हैं. दरअसल रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में फूट पड़ गई थी.

लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के दिवंगत होने के बाद पशुपति पारस ने पार्टी के सांसदों के साथ अलग रास्ता अपना लिया और एनडीए सरकार में मंत्री बन गए. हालांकि, बाद में जब एनडीए में उन्हें तरजीह नहीं दी गई तो उन्होंने कहा कहा कि हम चिराग के साथ हैं. हम एनडीए का ही समर्थन करेंगे. लेकिन अब चिराग ने अपने चाचा पर जो आरोप लगाए हैं इससे बिहार की राजनीति में दोनों के बीच तनातनी बढ़ना लगभग तय हो गया है.

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