Sambhal Jama Masjid सर्वे मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, मस्जिद पक्ष की याचिका खारिज, सर्वे को हरी झंडी
संभल जामा मस्जिद पर इलाहबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
Sambhal Jama Masjid: संभल जामा मस्जिद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट के इस फैसले से संभल जामा मस्जिद सर्वे मामले में मस्जिद प्रबंधन समिति को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की सिविल रिवीजन पिटीशन को खारिज कर दिया है. मस्जिद प्रबंधन समिति ने संभल सिविल कोर्ट के 19 नवंबर 2024 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मस्जिद के सर्वे का निर्देश दिया गया था.
‘सिविल कोर्ट के फैसले में खामी नहीं’- HC
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने 13 मई को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज यानी सोमवार, 19 मई को जामा मस्जिद को लेकर अपना सुरक्षित फैसला सुनाया है.
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हाईकोर्ट ने सिविल कोर्ट के सर्वे आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि इसमें कोई खामी नहीं है. यह सर्वे हिंदू पक्ष की याचिका पर शुरू हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद का निर्माण 1526 में मुगल सम्राट बाबर द्वारा हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया था. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि है कि संभल जिला अदालत में सर्वे से संबंधित कार्यवाही आगे बढ़ेगी.
HC ने सभी तर्कों को किया खारिज
बता दें कि इस मामले में मस्जिद समिति ने तर्क दिया था कि सिविल कोर्ट का आदेश जल्दबाजी में और बिना उनकी बात सुने (एक्स-पार्टे) दिया गया था. मस्जिद समिति ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन का हवाला दिया था. उन्होंने यह भी दावा किया था कि मस्जिद एक प्राचीन स्मारक है, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित है. हालांकि, हाईकोर्ट ने इन तर्कों को खारिज कर दिया.
हिंदू पक्ष ने बताई जीत
यह मामला तब और चर्चा में आया जब 24 नवंबर 2024 को सर्वे के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी. कई अन्य घायल भी हुए थे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में सिविल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. मस्जिद समिति को हाईकोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट के ताजा फैसले ने मस्जिद पक्ष की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. जबकि हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने इसे एक महत्वपूर्ण जीत बताया है.
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संभल में बढ़ाई गई सुरक्षा
हाईकोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि सर्वे आयुक्त द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले निर्देश दिया था. इस फैसले के बाद संभल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.