‘अच्छे’ और ‘बुरे’ Cholesterol में क्या अंतर है? जानिए स्वस्थ शरीर में कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर कितना होना चाहिए?

कोलेस्ट्रॉल लेवल का मापन व्यक्ति के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह मात्रा व्यक्ति की आयु, लिंग, और अन्य स्वास्थ्य लाभों पर भी निर्भर करती है.
High Cholesterol

High Cholesterol

Health Tips: बढ़ती हुई भाग-दौड़ तथा अव्यवस्थित जीवनशैली में कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या लोगों में तेजी से बढ़ रही है. शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने से दिल से जुडी अनेक बीमारियां हो सकती है. सही समय पर इलाज ना करवाने पर व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हो सकता है. कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा है जो हमारे शरीर में पाया जाता है. यह शरीर के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह हमारे शरीर के कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है, कोलेस्‍ट्रॉल का निर्माण लिवर करता है और हम जितना जंक फ़ूड, चिकनाईयुक्त या अधिक तेल वाले भोजन का सेवन करते है उतनी इसकी मात्रा बढ़ती जाती है, तथा कोलेस्‍ट्रॉल के ज्यादा बढ़ जाने से शरीर में रक्त का संचार सही ढंग से नहीं हो पता जिससे हृदय संबंधित रोगो का खतरा बढ़ जाता है,जिससे व्यक्ति को हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.

‘अच्छे’ और ‘बुरे’ कोलेस्ट्रॉल में अंतर

हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL): एचडीएल कोलेस्ट्रॉल जिसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है यह हमारे शरीर के लिए अच्छा होता है, क्योंकि यह हृदय के रोगों के खतरे को कम करने में मदद करता है. यह लिवर से कोलेस्ट्रॉल को हटाकर धमनियों में बनने से रोकता है. अच्छा कोलेस्ट्रॉल, खराब कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालता है. जिससे हृदय स्वस्थ रहता है.

लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL): एलडीएल कोलेस्ट्रॉल हमारे लिए हानिकारक होता है, क्योंकि यह हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है. इसे बुरा कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है क्योंकि यह उच्च होने पर धमनियों में जमा होकर अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल प्लैक्स का कारण बन सकता है, जो धमनियों को संकुचित करने की क्षमता को कम करता है जिससे दिल के रोग का खतरा बढ़ता है. स्वस्थ शरीर के लिए, अच्छा कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाना चाहिए और खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रखना चाहिए.

कोलेस्ट्रॉल लेवल कितना होना जरूरी है

कोलेस्ट्रॉल लेवल का मापन व्यक्ति के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह मात्रा व्यक्ति की आयु, लिंग, और अन्य स्वास्थ्य लाभों पर भी निर्भर करती है. सामान्यत: व्यक्ति में कोलेस्ट्रॉल का लेवल होता है.

कुल कोलेस्ट्रॉल: 200 mg/dL से कम
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल: 100 mg/dL से कम
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल: 40 mg/dL या इससे ज़्यादा
ट्राइग्लिसराइड: 150 mg/dL से कम

यह भी पढ़ें: बढ़ते Uric Acid की समस्या से पाना चाहते हैं निजात? अपनाएं ये घरेलू उपाय

कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कई कारक प्रभावित करते हैं. जैसे कि, उम्र, वज़न, खान-पान, धूम्रपान, और शारीरिक गतिविधि. कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

ज़रूर पढ़ें