“इस महाभारत की पटकथा ‘राजा’ तेजस्वी ने लिखी, खत्म मैं करूंगा…”, पप्पू यादव ने खुद को क्यों बताया ‘अर्जुन’?

पप्पू यादव ने कहा कि महाभारत की पटकथा राजा (तेजस्वी) के द्वारा लिखी गई है. इस लड़ाई का अंत मेरे द्वारा होगा. महाराजा (लालू प्रसाद) का वारिस राजा (तेजस्वी यादव) है. पप्पू यादव ने कहा कि हमको हराने के लिए राजद के 42 विधायक कैंप कर रहे हैं.
तेजस्वी यादव, पप्पू यादव

तेजस्वी यादव, पप्पू यादव

Lok Sabha Election 2024: चुनावी संघर्ष का जो दौर चल रहा है उस फलसफे पर इंडिया गठबंधन है या फिर एनडीए. इन बातों का आधार बना कर तेजस्वी यादव ने साफ कहा है कि या तो बीमा भारती को चुनो,या फिर एनडीए को. बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट की जनसभा में तेजस्वी यादव ने जिस अंदाज में वोट इंडिया या एनडीए को देने को कहा उसका निहितार्थ निकाले तो साफ झलकता है कि जीते कोई भी पर हार पप्पू यादव की हो. हालांकि, अब पप्पू यादव ने भी बड़ा सियासी संदेश दे दिया है. पप्पू यादव ने कहा है कि ये महाभारत तेजस्वी ने शुरू की है. इसे मैं खत्म करूंगा.

मुझे हराने के लिए राजद के 42 विधायक कैंप कर रहे: पप्पू यादव

पप्पू यादव ने कहा कि महाभारत की पटकथा राजा (तेजस्वी) के द्वारा लिखी गई है. इस लड़ाई का अंत मेरे द्वारा होगा. महाराजा (लालू प्रसाद) का वारिस राजा (तेजस्वी यादव) है. पप्पू यादव ने कहा कि हमको हराने के लिए राजद के 42 विधायक कैंप कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि NDA और INDIA का केवल एक लक्ष्य है, पप्पू यादव को हराना.

पप्पू यादव ने कहा, “हम तो हमेशा से ही जात पात से ऊपर उठकर अपने जनता की भलाई के लिए क़दम उठाते रहे हैं. कोरोना काल और बाढ़ जैसे हालातों में मैंने जनता की सेवा बेटा बनकर की है. पप्पू यादव ने कहा कि हम तो जनता के सेवक है, 24 घंटा काम करते हैं और लोगों के लिए उपलब्ध रहते हैं. मेरे जीवन का मकसद सेवा, मदद और जस्टिस है, इसलिए ही जनता मुझे जानती है. मैं इसी में संतुष्ट रहता हूं, राजनीति तो मुझे आती नहीं है. मैं जनता बेटा और उनका सेवक बनक हमेशा उनके सुख दुख में साथ रहूंगा.

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पता नहीं क्यों लालू जी और तेजस्वी मुझ से नाराज हैं: पप्पू यादव

उन्होंने कहा कि राजनीति में यह बात मायने रखती है कि आप कितने फेयर हैं, कितनी दिल की गहराईयों से जनता की सेवा करते हैं. लोगों के लिए बनी जात पात और धर्म के हैं कि नहीं यही महत्वपूर्ण है. वह (तेजस्वी) इस देश की पॉलिटिकल चेन में नहीं है. राजनीति में कोई परमानेंट दुश्मनी नहीं होती है, पता नहीं क्यों लालू जी और तेजस्वी मुझसे नाराज़ हैं.

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