Lok Sabha Election:धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में बीजेपी का प्रचार, निर्वाचन अधिकारी ने जारी किया नोटिस, महंत बोले- धीरेन्द्र शास्त्री राम नहीं, मोदी कथा सुनाने आए थे

Lok Sabha Election: मनेन्द्रगढ़ जिले के चिरमिरी में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का कार्यक्रम हुआ था जिसमें भाजपा लोकसभा प्रत्याशी सरोज पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक रेणुका सिंह सहित भाजपा के कई नेता शामिल हुए थे, और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे लोगों को बीजेपी का पट्टा पहनाया गया था. वहीं कार्यक्रम स्थल पर भाजपा प्रत्याशी के कई बैनर पोस्टर लगे थे, इसके बाद कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने इसकी शिकायत निर्वाचन अधिकारी से की थी.
Chhattisgarh News

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री(फाइल फोटो)

Lok Sabha Election: कोरबा लोकसभा सीट की भाजपा उम्मीदवार सरोज पांडेय को निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस जारी किया है, और कहा है कि चिरमिरी में आयोजित पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में हुए खर्च को आपके चुनावी खर्च में क्यों न जोड़ा जाये, क्योंकि सरोज पांडेय खुद इस कार्यक्रम में शामिल हुई थी, तो धीरेन्द्र शास्त्री ने मंच से कहा था कि इस आयोजन का खर्च सरोज पांडेय और स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल खर्च उठा रहें हैं. वहीं इस मामले में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा है कि धीरेन्द्र शास्त्री यहां राम कथा नहीं मोदी की कथा के लिए आये थे.

चिरमिरी में हुई धीरेन्द्र शास्त्री की राम कथा पर हो रही सियासत

मनेन्द्रगढ़ जिले के चिरमिरी में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का कार्यक्रम हुआ था जिसमें भाजपा लोकसभा प्रत्याशी सरोज पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक रेणुका सिंह सहित भाजपा के कई नेता शामिल हुए थे, और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे लोगों को बीजेपी का पट्टा पहनाया गया था. वहीं कार्यक्रम स्थल पर भाजपा प्रत्याशी के कई बैनर पोस्टर लगे थे, इसके बाद कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने इसकी शिकायत निर्वाचन अधिकारी से की थी. शिकायत पत्र के साथ कार्यक्रम का वीडियो फोटो भी उपलब्ध कराया गया था. इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने सरोज पांडेय को नोटिस दिया है और 29 अप्रैल तक नोटिस का जवाब देने कहा है.

नोटिस जारी होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने एक सिरे से नकार दिया है कि भाजपा की प्रत्याशी धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में गई भी थी और उनका कहना है कि नोटिस का जवाब दिया जायेगा. वहीं कांग्रेसी नेता लगातार इस मामले में लगातार कार्यवाही की मांग कर रहें हैं और बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में हुए खर्च का आंकलन अफसरों ने करना शुरू कर दिया है. बता दें कि मंच से धीरेन्द्र शास्त्री ने श्याम बिहारी जायसवाल और सरोज पांडेय के साथ एक अन्य व्यवसायी के नाम लेकर कहा था कि इन्होंने ही आयोजन का खर्च उठाया है. ऐसे में कुल खर्च का 33 प्रतिशत राशि सरोज पांडेय के चुनावी खर्च में जुड़ सकता है.

ये भी पढ़ें- अल्का लांबा ने PM मोदी को लेकर फिर दिया विवादित बयान, बोली- हनुमान जी ने पूरी लंका को जलाया था, आज पीएम ने पूरे देश को जलाकर रखा है

निर्वाचन अधिकारी ने जारी किया नोटिस

नोटिस में लिखा है कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा राम कथा का आयोजन 26 अप्रैल 2024 को लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम, गोदरीपारा चिरमिरी में आयोजित किये जाने सर्शत अनुमति दी गई थी. इस पर अशोक श्रीवास्तव अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी एमसीबी ने अवगत कराया है कि उक्त कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार कोरबा लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय और छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों के फोटो फ्लेक्सी लगाकर किया जा रहा है, साथ ही इनकी फोटो फ्लेक्सी को नगर निगम चिरमिरी और नगरपालिका मनेन्द्रगढ़ में कई सरकारी बिजली के खंभों में लगाया गया है, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है. वहीं उड़नदस्ता व वीडियों निगरानी दल द्वारा कार्यक्रम स्थल पर की गई वीडियोग्राफी में कार्यक्रम स्थल के बाहर श्रद्धालुओं एवं आगंतुकों को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा के गमछे पहनाकर राजनैतिक पार्टी का प्रचार प्रसार किया गया है. जिससे यह परिलक्षित होता है कि धार्मिक आयोजन की आड़ में राजनैतिक हित साधने का प्रयास किया गया है.

नोटिस में दिखी प्रशासन की सख्ती

कोरबा लोकसभा क्षेत्र के मनेन्द्रगढ़, खंडगवा, चिरमिरी के चौक-चौराहों में शासकीय परिसम्पतियों पर भारतीय जनता पार्टी के अभ्यर्थी द्वारा बागेश्वर धाम सरकार की फोटो के साथ पोस्टर चस्पा कर राजनैतिक प्रचार-प्रसार किया गया है, जो कि स्पष्टत आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन है. ऐसे में क्यों न धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को राजनैतिक प्रयोजनार्थ आयोजित कार्यक्रम मानते हुए, इस कार्यक्रम के आयोजन और प्रचार-प्रसार में हुए व्यय को आपके राजनैतिक पार्टी के उपगत खर्च के व्यय लेखा में शामिल किया जाए तथा इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाए.

ज़रूर पढ़ें