MP News: रीवा में 9 लोगों ने शराब के ठेके पाने के लिए अधिकारियों से की सांठगांठ! हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस, मांगा जवाब

MP News: आरोप है कि रीवा में नौ लोगों ने संयुक्त शराब ठेका पाने के लिए अधिकारियों से सांठ-गांठ की. इन लोगों ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा, सिंगरौली के अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी परफारमेंस गारंटी प्राप्त की और बिना मार्जिन जमा किए 15 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए.

शराब ठेका मामले में हाई कोर्ट का एक्शन

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि रीवा में नौ लोगों ने संयुक्त शराब ठेका पाने के लिए अधिकारियों से सांठ-गांठ की. याचिका में कहा गया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा, सिंगरौली द्वारा फर्जी तरीके से परफॉर्मेंस गारंटी दी गई. याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि मामले में शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.

वहीं, याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की खंड पीठ ने कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त, रीवा के कलेक्टर, एसपी व ईओडब्ल्यू एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जनहित याचिकाकर्ता रीवा निवासी बृजेन्द्र कुमार माला की ओर से अधिवक्ता अमित सिंह ने पक्ष रखा.

फर्जी परफॉर्मेंस गारंटी

उन्होंने दलील दी कि रीवा में नौ लोगों ने संयुक्त शराब ठेका पाने के लिए अधिकारियों से सांठ-गांठ की. उन्होंने दावा किया कि इन लोगों ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा, सिंगरौली के अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी परफारमेंस गारंटी प्राप्त की और बिना मार्जिन जमा किए 15 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए.

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याचिकाकर्ता ने बताया कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार शेड्यूल्ड बैंक जैसे नेशनलाइज्ड, रीजनल रूरल बैंक आदि को ही परफॉर्मेंस गारंटी देने का अधिकार है. कोऑपरेटिव बैंकों को इसका अधिकार नहीं है. इस मामले में जांच भी हुई और बैंक ने माना कि फर्जी तरीके से गारंटी दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. लिहाजा, हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई.

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